कॉफ़ी
पूरी ख़त्म होने के बाद भी
छूट जाती है जितनी कॉफ़ी
कप के किनारों पर
उतना ही छूटा रह जाता है
हर पिछले प्रेम का अनुभव
इस कविता का रिकॉर्डेड वर्जन देखने के लिए यहाँ क्लिक करें या मेरे इंस्टा हैंडल @abhise_ पर साथ जुड़ें।
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