Abhishek Shukla

मेरे राम

मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम
नभ से धरती तक हर कण में तेरा ही गुणगान
मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम

आत्म भी तू ही, बल भी तू ही
विद्या तू, संबल भी तू ही
अर्जित तू ही, व्यय भी तू ही
संकल्प भी तू, कायाकल्प भी तू ही
आशा तू, विश्वास भी तू ही
अपेक्षा तू, उपहार भी तू ही
प्रेम भी तू ही, पूजा तू ही
प्रथम भी तू ही, दूजा भी तू ही
श्रद्धा और शृंगार सभी तू, तेरा सत्य से पावन नाम
मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम

नाम तेरा लेकर बांधा था
दृढ़ संकल्प का पावन धागा
पूर्ण हुआ संकल्प अभी जो
भक्त चले अयोध्या भागा-भागा
कण-कण क्षण-क्षण हर घर हर मन
तेरा नाम पुकारे सब हैं
सीता मैया लक्ष्मण भैया
हनुमन के गुण गावे सब हैं
अब जो वापस आये प्रभु तुम, करो थोड़ा विश्राम
दर्शन तेरे मिले तो बढ़िया, काफ़ी वरना नाम

तेरा नाम पड़ा जिस पर वो पत्थर बन गया धाम
मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम

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