Abhishek Shukla

मुरझाते फूल

मुरझाते फूलों को हिक़ारत से नहीं देखना
उनमें क़ैद है असंख्य नये फूलों का जीवन
उनकी जाती हुई ख़ुशबू को थोड़ा ज़ोर से साँस खींच कर अपने भीतर भरना
और प्रार्थना पढ़ना एक फूल की तरह संसार से जाने की
ख़ुशबू और असंख्य नये फूल बिखेरते हुए

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